किसी भी निर्माण कार्य मे सीमेंट की अपनी ही एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सीमेंट (Cement)और इसके उपयोग से आप भलीभाँति परचित होंगे. सिविल इंजिनियरिंंग द्वारा छोटी सी संरचनाओ से लेकर बड़ी-बड़ी संरचनाओ तक निर्माण कार्यो मे अन्य मटेरियल के साथ सीमेंट के बिना निर्माणधीन कार्यो को करना असंभव हो जाता है.
आइए सीमेंट से संबंधित विषयो के बारे मे और सीमेंट से जुड़ी कुछ जानकारी जैसे- सीमेंट क्या है कैसे बनती हैं.cement कितने प्रकार की होती हैं सीमेंट के घटक, जल सीमेंट अनुपात, सीमेंट का निर्माण सर्वप्रथम कब और कहा हुआ? सीमेंट के मुख्य कार्य, रासायनिक संयोजन,सूक्ष्मता, गुण और उपयोग, रख रखाव, सीमेंट उघोग, उत्पादक राज्य,आदि जानकारी
सीमेंट का निर्माण सर्वप्रथम कब और कहा हुआ?
किसी संरचना के निर्माण कार्यों में सीमेंट का एक महत्वपूर्ण स्थान होता है.यह अन्य समग्री के साथ मिलकर संरचनाओ को मजबूती प्रदान करता है. सीमेंट का निर्माण सर्वप्रथम इंग्लैंड में हुआ. सन् 1824 ई.मे एक ब्रिटिश इंजीनियर Joseph एस्पडीन ने चूना पत्थर तथा चिकनी मिट्टी से जोड़ने वाला ऐसा पदार्थ बनाया जो अधिक शक्तिशाली और जलरोधी था. यह रंग में पोर्टलैंड चूना पत्थर जैसा था इसलिए इसे पोर्टलैंड सीमेंट नाम दिया गया.फिर तब से इसका प्रयोग निर्माण कार्यों में किया जाने लगा.
सीमेंट (Cement) किसे कहते है और कैसे बनता है?
1/5 भाग अथवा 2/5 भाग क्ले का तथा बाकी भाग कैलशियम कार्बोनेट के मिश्रण को जलाकर और पीसकर अथवा चूनेदार (चिकनी मिट्टी, चुना पत्थर, खड़िया आदि) और मृतिकामय (लौह ऑक्साइड, क्ले आदि) पदार्थों के घनिष्ठ मिश्रण को जलाकर ओर पीसकर जो उत्पाद प्राप्त होता है सीमेंट के कहलाता है.
1/5 भाग अथवा 2/5 भाग क्ले का तथा बाकी भाग कैलशियम कार्बोनेट के मिश्रण को जलाकर और पीसकर अथवा चूनेदार (चिकनी मिट्टी, चुना पत्थर, खड़िया आदि) और मृतिकामय (लौह ऑक्साइड, क्ले आदि) पदार्थों के घनिष्ठ मिश्रण को जलाकर ओर पीसकर जो उत्पाद प्राप्त होता है सीमेंट के कहलाता है.
सीमेंट चूना पत्थर या खड़िया को मृतिका लाल मिट्टी या सेल के साथ खूब गर्म करने से प्राप्त होने वाले पदार्थ को सीमेंट कहते हैं. इसमें कैल्शियम के एल्यूमिनेटो तथा सिलिकेटो का मिश्रण होता हैै. सीमेंट उत्पादन संयंत्रों को चुना पत्थर चिकनी मिट्टी और जिप्सम की आवश्यकता होती है. सीमेंट प्रमुख रूप से कैलशियम सिलीकेट और एल्यूमीनियम सिलीकेट का मिश्रण है. जिसमें जल के साथ मिश्रित करने पर जमने का गुण होता है. जल के साथ मिश्रित करने पर सीमेंट का जमना उसमें उपस्थित कैलशियम सिलीकेट और एल्यूमीनियम सिलीकेटो के जलयोजन के कारण होता है. सीमेंट 2 से 5% तक जिप्सम मिलाने का उद्देश्य सीमेंट के प्रारंभिक जमाव को धीमा करना है सीमेंट के धीमे जमाव से उसका अत्यधिक दृढ़करण होता है.
साधारण निर्माण कार्यों के लिए आमतौर पर साधारण पोर्टलैंड सीमेंट का प्रयोग किया जाता है.
सीमेंट के मुख्य कार्य क्या होते हैं?
:-cement एक बंधक और बारिक एवं महीन पाउडर होता है इसका मुख्य कार्य मसाला या कंक्रीट को आपस में बांधना होता है जो किसी भी संरचना या मसाले को शक्ति और सामर्थ्य प्रदान करता है. सीमेंट अन्य घटकों को आपस में बांधने का और प्रतिबल या मजबूती प्रदान करने का कार्य करता है.सामान्यता निर्माण कार्यों के लिए साधारण सीमेंट या पोर्टलैंड सीमेंट का उपयोग करते हैं विशेष संरचनाओ और परिस्थितियों में अन्य प्रकार के सीमेंट उपयोग में आते हैं. जैसे- शीघ्र सख्त होने वाली सीमेंट, शीघ्र जमने वाली सीमेंट, उच्च एलुमिना सीमेंट, अल्प उष्मा सीमेंट, यह एक बंधक (Binding) पदार्थ के रूप में कार्य करता है.
पोर्टलैंड सीमेंट जूट की बोरी में मिलता है.1बोरी में 50 किलोग्राम सीमेंट आता है और इस प्रकार 1 टन में 20 बोरी आती है. एक घनमीटर(1qm) सीमेंट का भार या घनत्व 1440 किलोग्राम होता है. पोर्टलैंड सीमेंट को भारतीय मानक संस्थान आईएसआई (ISI) द्वारा विनिर्देशों (स्पेसिफिकेशन) को पूरा करना चाहिए.
सीमेंट का संग्रह एवं रखरखाव:-
सीमेंट का रखरखाव एवं भंडारण करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए सीमेंट का जलवास में या आद्रता हवा से संपर्क में ना हो. इसे कॉंक्रीट फर्श पर बिछाए गए लकड़ी के पदों पर रखना चाहिए
सीमेंट का संग्रह शुष्क स्थान में भूमि तल से कम से कम 16 सेंटीमीटर ऊंचे किसी प्लेटफार्म पर दीवार से हटाकर किया जाना चाहिए ताकि सीमेंट मे कड़ापन जमने खराव होने से सुरक्षित रहे.
जल सीमेंट अनुपात (water cement ratio) :-
इससे सीमेंट के गाढ़ेपन का पता चलता है. यदि यह जल सीमेंट अनुपात कम रहने पर कार्यकुशलता (workability) में कठिनाई होती और यदि अधिक हुआ तो cement concret सामर्थ्य (Strangth) कम होगा। इसलिए जल- cement का ratio ठीक तरीके से होना चाहिए.
सीमेंट के मूल घटक:-
जिनकी प्रतिशत मात्रा कुछ इस तरह होती हैं.
1. चूना (Cao)- 59 से 67%
2. बालू (SIO3)-18 से 25%
3. एलुमिना (AL2O3)- 4 से 8 %
4. आयरन ऑक्साइड (Fe2O3)-1 से 5%
5. मैग्नीज (MgO)- 0.5 से 4%
6. सल्फरडाइ ऑक्साइड (SO3)-1 से 2%
2. बालू (SIO3)-18 से 25%
3. एलुमिना (AL2O3)- 4 से 8 %
4. आयरन ऑक्साइड (Fe2O3)-1 से 5%
5. मैग्नीज (MgO)- 0.5 से 4%
6. सल्फरडाइ ऑक्साइड (SO3)-1 से 2%
सीमेंट के प्रकार:-
सीमेंट को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है.
01. प्राकृतिक सीमेंट (Natural Cement)
01. प्राकृतिक सीमेंट (Natural Cement)
02. कृत्रिम सीमेंट (Artificial Cement)
प्राकृतिक सीमेंट:- यह चूने के पत्थर को जलाने और पकाने से प्राप्त किया जाता है और यह भूरे लाल रंग का होता है. एवं इसकी स्ट्रैंथ(सामर्थ्य)अन्य सीमेंट की तुलना में कम होने के कारण वर्तमान मे इसका प्रयोग कम किया जाता है.
कृत्रिम सीमेंट:-
यह अन्य सामग्रियों के उचित मात्रा मे प्रयोग कर बनाई गई सीमेंट होती है जिसका प्रयोग अलग निर्माणाधीन कार्यो मे बेहतर तरीके से संरचना चयन हेतु किया जा सके.
निम्न प्रकार की होती हैं.
1. साधारण सीमेंट (Ordinary Cement)
2. शीघ्र समर्थ सीमेंट (Early Strength Cement)
3.शीघ्र जमने वाला सीमेंट (Quick Setting Cement)
1. साधारण सीमेंट (Ordinary Cement)
2. शीघ्र समर्थ सीमेंट (Early Strength Cement)
3.शीघ्र जमने वाला सीमेंट (Quick Setting Cement)
4.अधिक एलुमिना सीमेंट (High Alumina Cement)
5.कम ताप सीमेंट (Low Heat Cement)
6. ब्लास्ट भट्टी सीमेंट (Blast Furnace Cement)
7. सफेद सीमेंट (Whit Cement)
5.कम ताप सीमेंट (Low Heat Cement)
6. ब्लास्ट भट्टी सीमेंट (Blast Furnace Cement)
7. सफेद सीमेंट (Whit Cement)
8. रंगीन सीमेंट (Coloured Cement)
9. सल्फेट सह-सीमेंट (Sulphate Resing Cement)
1. Ordinary Cement:- इस सीमेंट को Portland cement भी कहा जाता हैं. इसका निर्माण सर्वप्रथम इंग्लैंड के राजगीर ने किया था जब इस सीमेंट के साथ पानी मिलाया जाता है तो यह एक ठोस पिंड का आकार ले लेता है जो पोर्टलैंड की खदानों से निकलने वाले पत्थर के समान हो जाता है. वर्तमान समय में लगभग सभी देशों में सीमेंट का प्रयोग किया जाता है.
2. Early strength cement:- इस सीमेंट मे साधारण सीमेंट की तुलना मे चूने की मात्रा कुछ अधिक होती है यह सीमेंट बहुत कम समय में अधिक स्ट्रैंथ ग्रहण कर लेता है इसलिए इससे निर्माण कार्य शीघ्र संपन्न किए जाते हैं. इस सीमेंट का ज्यादातर प्रयोग ठंडे प्रदेशों तथा सैनिक कार्यों के लिए किया जाता है इसके अलावा शीघ्र संपन्न किए जाने वाले कार्यों के लिए भी यह बहुत उपयोगी होती है.
3. Quick Setting cement:- इस प्रकार के सीमेंट का प्रारंभिक जमाव समय (Initial Setting Time) 5 मिनट और अंतिम रूप में जमाने में 30 मिनट समय लगता है अन्य प्रकार के सीमेंट की तुलना में शीघ्र जम जाता है इसलिए इसका नाम शीघ्र जमने वाला सीमेंट रखा गया है. पानी के अंदर किए जाने वाले निर्माण कार्यों के लिए यह वरदान साबित हुआ है क्योंकि यदि पानी के अंदर साधारण सीमेंट का प्रयोग किया जाए तो पहलेे यह बह जाएगी. इसमे एलुमिना (Alumina) की अधिक मात्रा व जिप्सम (Gypsum) की कम मात्रा होती है इसकी पिसाई अत्यधिक महीन की जाती है.
4. High Alumina Cement:- यह बॉक्साइट और चूने को मिलाने से बनता है जिसमें एलुमिना की मात्रा 35 से 55% तक होती हैै. यह रंग में हल्का भूरा रंग ग्रहण किए रहता है यह भी शीघ्र सामर्थ्य ग्रहण करने वाला सीमेंट है इसका प्रारंभिक जमाव समय 3.5 घंटे है यह साधारण सीमेंट की अपेक्षाकृत अधिक महंगा होता है. इसका प्रयोग रसायनिक कारखानों जिनमें तेजाब, क्षार आदि का प्रयोग होता है वहा अधिक उपयोगी है क्योंकि इस पर अम्ल आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
5. Low Heat Cement:- इस प्रकार के सीमेंट में जमाव के समय ऊष्मा की उत्पत्ति धीरे-धीरे होती है इसलिए इसका नाम कम ताप सीमेंट रखा गया है इसका प्रारंभिक जमाव समय 1घंटे है. पोर्टलैंड सीमेंट की अपेक्षा इसमें जिप्सम की मात्रा अधिक होती है.
इसमें ट्राइ कैल्सियम और ट्राइ- कैल्सियम सिलिकेट का प्रतिशत 1000 होता है इस कारण इसका प्रारंभिक जमाव और अंतिम जमाव का समय साधारण सीमेंट के समान ही होता है यह काफी धीमी गति से सामर्थ्य उत्पन्न करने वाला सीमेंट है.
इस प्रकार के सीमेंट का प्रयोग उन स्थानों में किया जाता है जहां अधिक मात्रा में कंक्रीट का प्रयोग करना हो कंक्रीट कार्य में इसका प्रयोग करने से जमाव के समय की ऊष्मा (Heat)निकल जाती है जिससे संरचना सिकुड़न व फटाव से बच जाती है.
बांध, प्रतिधारक दीवार (Retaining Wall) व पुलो की रचना के लिए यह काफी उपयोगी है
6. Blast Furnace Cement:- यह सीमेंट पोर्टलैंड सीमेंट के सामान होती है. मजबूती की दृष्टि से यह साधारण सीमेंट के बराबर क्षमता रखता है इस सीमेंट को बनाने के लिए 30 से 60% ब्लास्ट फर्नेस (Blast Furnace) काचित ईटों के टुकड़ों को पीसते समय मिलाया जाता है. यह सीमेंट साधारण सीमेंट से सस्ता होता है. अधिक महत्वपूर्ण कार्यों में इसका प्रयोग नहीं किया जाता है.
7. Whit Cement:- यह एक प्रकार का साधारण सीमेंट ही है लेकिन रंग में सफेद होने के कारण इसे सफेद सीमेंट कहते हैं. इसकी सामर्थ्य व जमाव समय साधारण सीमेंट कि तरह ही है. इसका निर्माण सफेद चाक से किया जाता है इस चाक में आयरन ऑक्साइड की मात्रा कम होती है. सफेद सीमेंट का प्रयोग दीवारों के प्लास्टर फर्श व मकानों की सुंदरता प्रदान करने के लिए किया जाता है
8. Coloured Cement:- सफेद या साधारण सीमेंट को पीसते समय इच्छा अनुसार रंगो के वर्णक मिला देने से रंगीन सीमेंट तैयार हो जाता है. रंगीन वर्णक मिलाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि उनकी मात्रा 10% से अधिक ना हो रंगीन सीमेंट का प्रयोग भवनों को सुंदर आकर्षण बनाने के लिए विभिन्न भागों में किया जाता है.
9. Sulphate Resing Cement:- यह साधारण सीमेंट का शुद्ध रूप है इसको बनाते समय इसमें कैल्शियम, एलुमिनेट की मात्रा कम कर दी जाती है जिससे सीमेंट को सल्फेट के प्रयोग से बचाया जा सके. इस सीमेंट में बने निर्माण कार्यों पर तेजाब, गैस आदि का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता इसलिए सीवर पाइप तथा अन्य सीवर संबंधित कार्यों के लिए इस cement का अधिक प्रयोग किया जाता है.
10 इसके अलावा कुछ सीमेंट जैसे Pozzuolana cement, Air Entraining cement, oil wall cement, Calcium chloride cement आदि. जिनका प्रयोग भी अन्य निर्माण कार्यो मे विशेष रूप से किया जाता हैं.
रासायनिक संयोजन (Chemical composition):-
सामान्य सीमेंट का रसायनिक संयोजन निम्नलिखित होता है.
सीमेंट को जलाने पर उसके भार में 4% से अधिक कमी नहीं होना चाहिए.
सीमेंट को HCL ऐसिड मे घोलने पर अविलेय अवशेष (insoluble residue) 1.5% से अधिक नही बचना चाहिए.
मैग्नीशियम ऑक्साइड की मात्रा 5% से अधिक नहीं होना चाहिए.
गंधक, सल्फर ट्राईऑक्साइड के रूप में मात्रा 2.75% से अधिक नहीं होना चाहिए.
सीमेंट में एलुमिनियम और लोहा ऑक्साइड का अनुपात 0.66 से अधिक नहीं होना चाहिए.
Alumeen, लोह और सिलिका इन तीनों का अनुपात 0.66 और 1.02 के बीच होना चाहिए.
Cement Fineness(सूक्ष्मता) :- सीमेंट को आईएस(I.S) चलनी नंबर 9 पर छानने पर अबशेष 10% से अधिक नहीं बचना चाहिए. सीमेंट के इस गुण को सीमेंट की सूक्ष्मता कहते हैं. अधिक सूक्ष्मता में सीमेंट जल के साथ जल्दी क्रिया करता है साथ ही उसमें सुकडन (Shrinkage) तथा दरारें (crack)पड़ने की संभावना बढ़ जाती हैं.
सीमेंट के पक्का व कड़ा हो जाने का समय (setting time of cement) vicat Needle apparatus से सीमेंट का प्रारंभिक (initial) एवं अंतिम (final) रूप से पक जाने या कड़ा हो जाने का समय ज्ञात करते हैं.
प्रारंभिक setting time 30 मिनट से अधिक
अंतिम setting time 10 घंटे से कम
सीमेंट के गुण और उपयोग
Portland cement का रंग हल्का भूरा होना चाहिए.
100 ग्राम सीमेंट को 15 minute तक
मानक छलनी नंबर 9 से छानने पर उसमे सीमेंट की मात्रा 10% से अधिक नही बचना चाहिए.
cement गीला नही होना चाहिए.
सीमेंट को मसलने पर चिकनापन महसूस होना चाहिए.
सीमेंट का उपयोग फर्श, नीव, सीलनरोक परतों (डीपीसी) और विभिन्न प्रवलित सीमेंट कंक्रीटो (आरसीसी) से संबंधित कार्यों के लिए कंक्रीट को तैयार करने में होता है.
इसका उपयोग चिनाई के कार्य लिपाई पुताई आदि के लिए मसाले तैयार करने में किया जाता है. बांधों, बियर, बंदरगाहों, स्तंभ, पुलों, आदि के निर्माण में इसका उपयोग होता है यह पानी की टंकी स्विमिंग पूल सेप्टिक टैंक आदि के निर्माण में प्रयुक्त होता है इससे पूर्व निर्मित पाइपों खंबो मकान प्लास्टर आदि को निर्मित करने में प्रयोग में लाया जाता है.
वर्तमान बजार मे चलन
वर्तमान समय निर्माण कार्यो मे कुछ नयी सामग्री का उपयोग किया जा रहा है जो eco friendly material जैसे AAC Block, Plaster mortar, Block joining mortar आदि
AAC BLOCK
यह एक एयर रेटेड कंक्रीट ईट है जिसका उपयोग निर्माण कार्यों में किया जाता है. यह लाल ईट एवं सीमेंट ईटों के मुकाबले निर्माण कार्य को ज्यादा मजबूती प्रदान करता है. यह दाम मे कम और मजबूत भी होती हैं. अग्नि प्रतिरोधक क्षमता, न्यूनतम वेस्टेज, भूकंप प्रतिरोधी, उपयोग करने में आसान और पानी की बचत मे भी
सहायक होती हैं.
Plaster mortar
यह एक रेडी मिक्स सीमेंट आधारित मिक्सचर है जो पारंपरिक वॉल प्लास्टर की जगह उपयोग में लाया जाता है. इसमें तराई की जरूरत नहीं रहती. दीवार में जल्दी सेट होने वाला. दीवार मे क्रैक की संभावना नहीं रहती. उपयोग और रखरखाव मे आसान, संपूर्ण दिवार में एक जैसा सेट होने वाला, सिर्फ 5 मिनट में बेहतरीन परिणाम आदि लाभ होते हैं.
Block joining mortar
Break joining mortar एक तैयार मिश्रण है जो एसीसी ब्लॉक्स, कंप्लीट ब्लॉक्स, क्ले ब्रिक्स एवं अप्लाई एस ब्रिक्स को जोड़ने हेतु उपयोगी है यह इको फ्रेंडली मैटेरियल आम मसाले की तुलना में किफायती होता है. समय की बचत के साथ मजबूत जोड़ और कम काम तथा मोटाई में भी मजबूती होती है. इसमे 3 mm की लेयर मे भी मजबूती होती हैं.
यह eco friendly material होता है. इसमें सिर्फ पानी मिलाकर joint masala तैयार किया जा सकता है.
सीमेंट उद्योग (Cement industry):-
विश्व में सर्वप्रथम 1824 ईसवी में ब्रिटेन के Portland नामक स्थान मे आधुनिक रूप से सीमेंट का निर्माण किया गया था. विश्व मे चीन के बाद भारत सीमेंट का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. भारत की बात करें तो सीमेंट बनाने का पहला कारखाना 1904 ईसवी में मद्रास में लगाया गया किंतु यह असफल रहा. इस कारखाने के बाद 1912-13 ईसवी में इंडियन सीमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा पोरबंदर (गुजरात) स्थान पर कारखाने की स्थापना की गई और 1914 ईस्वी से उत्पादन प्रारंभ हुआ.
ACC (एसोसिएट सीमेंट कंपनी) लिमिटेड की स्थापना 1936 ईस्वी में की गई.
भारत मे सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक राज्य आंध्रप्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात है एवं महाराष्ट्र सबसे बड़ा सीमेंट का उपभोक्ता राज्य है इसके अलावा भारत में और अन्य राज्य जो सीमेंट का उत्पादन करते हैं.
1. राजस्थान- जयपुर, लखेरी,
2. मध्यप्रदेश- सतना, कटनी, जबलपुर, वनमोर (ग्वालियर), रतलाम,
3. छत्तीसगढ़- दुर्ग, मंधार, अलकतरा,जामुल.
4. उत्तरप्रदेश- मिर्जापुर, चुर्क
5. झारखंड- जपला, खेलारी, कल्याणपुर झिंकपानी.
6. उड़ीसा- राजगंगपुर
7. आंध्रप्रदेश- कृष्णा, विजयवाड़ा, पनयम मछरिया,
8. कर्नाटक- भोजपुर, भद्रावती, बागलकोट बंगलुरु
9. तमिलनाडु- मधुकराय, तुलकापट्टी, डालमियापुरम.
10. केरल- कोट्टटायम.
11. गुजरात- पोरबंदर, जामनगर, भावनगर, सेवालियम
12. पंजाब- सूरजपुर
13. हरियाणा- चरखी दादरी
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