मध्यप्रदेश परिचय
मध्यप्रदेश भारत में स्थित राज्य है जो कि भारत के मध्य में स्थित है। इसलिए इसे हृदय प्रदेश भी कहा जाता है जिसकी राजधानी भोपाल है। मध्यप्रदेश का गठन 1 नवंबर 1956 को हुआ था। मध्य प्रदेश का क्षेत्रफल की दृष्टि से दूसरा स्थान है। 1नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश का पुनर्गठन हुआ था और मध्यप्रदेश से अलग कर छत्तीसगढ़, नये राज्य की स्थापना की गई । 01नवंबर 1956 और पुनः गठन के पहले तक मध्य प्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य हुआ करता था। मध्यप्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से भारत का पांचवा बड़ा राज्य है। मध्यप्रदेश राज्य के उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र और पश्चिम में गुजरात तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान राज्य की सीमा लगी हुई है।
मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति- 21°6' अक्षांश उत्तरी अक्षांश से 26°30' उत्तरी अक्षांश, देशांतर- 74°9' पूर्वी देशांतर से 82°48' पूर्वी देशांतर में स्थित हैं। इस प्रकार मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति है।
कर्क रेखा
भारत में कर्क रेखा उज्जैन शहर से निकलती है। इस कारण ही जयपुर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने यहां वेधशाला बनवाई, जिसे जंतर मंतर कहते हैं।यह खगोल-शास्त्र के अध्ययन के लिए है। मध्यप्रदेश के लगभग मध्य से कर्क रेखा निकलती है। कर्क रेखा मध्य प्रदेश के 14 जिलों में से होकर गुजरती है जो कि इस प्रकार हैं- रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, राजगढ़, सीहोर, भोपाल, विदिशा, रायसेन, सागर, दमोह, कटनी, उमरिया, शहडोल व जबलप़ुर जिलों से यह रेखा गुजरती है।
मध्य प्रदेश चारों ओर से भारत के ही राज्यों से घिरा हुआ है। यह पांच राज्यों से घिरा हुआ है महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, गुजरात। मध्यप्रदेश में कुल 55 जिले हैं। आगरमालवा (शाजापुर) -2013, निवाड़ी
(टीकमगढ़ से) -2018 मे, और मार्च 2020 मे पूर्व सीएम - श्री कमलनाथ ने मैहर(सतना से)-नागदा (उज्जैन से) चाचौड़ा (गुना से) तीन नये जिले बनाए गए।
इसके अलावा मध्य प्रदेश के बड़े जिले इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर है। जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला इंदौर है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार मध्यप्रदेश की जनसंख्या 7,26,26,09 है। जिसमें 51.8% पुरुष एवं 48.2% महिलाएं हैं। मध्यप्रदेश का लिंगानुपात 930 है। मध्य प्रदेश की जनसंख्या का घनत्व 236 प्रति वर्ग किलोमीटर है। मध्यप्रदेश का क्षेत्रफल 3,08,252 वर्ग किलोमीटर है, क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला छिंदवाड़ा है। मध्य प्रदेश की राजभाषा हिंदी, सिंधी और बुंदेली है, मध्यप्रदेश में उच्च न्यायालय जबलपुर जिले में स्थित है। इसके अलावा ग्वालियर और इंदौर में खंडपीठ है।
मध्यप्रदेश सरकार और प्रमुख तथ्य-
मध्यप्रदेश में वर्तमान राज्यपाल लालजी टंडन तथा वर्तमान के मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान जी हैं। मध्यप्रदेश के विधान मंडल विधानसभा में 231सीटें हैं। मध्यप्रदेश के भारतीय संसद में राज्यसभा में 11 सीटें और लोकसभा में 29 सीटें हैं। मध्यप्रदेश की साक्षरता दर 72.6% है।
मध्यप्रदेश की जनजातिया-
मध्यप्रदेश को गोंडवाना लैंड भी कहा जाता है। राज्य की आबादी में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति एक बड़े भाग का गठन करते हैं। मध्यप्रदेश में गोंड,भील,भारिया, सहरिया,बैगा,मारिया,कॉल,हलबा, आदिवासी समूह मुख्य रूप से निवास करते हैं। जिसमें धार, झाबुआ, मंडला, डिंडोरी, जिलों में 50% से अधिक आबादी निवास करती है। इसके अलावा सिवनी, छिंदवाड़ा, खरगोन,शहडोल,उमरिया जिलों में बड़े हिस्से में जनजातिया पाई जाती हैं।
मध्यप्रदेश के लोक नृत्य :-
राईनृत्य:- बुंदेलखंड के प्रसिद्ध नृत्यों में से एक है। राईनृत्य बारहों महीने नाचा जाता है। नाचने वाली बेड़नी के साथ मृदंग बजाने वाला नाचता है और नाचते हुये बेड़नी के समीप जाकर नृत्य करता हैैं।
मटकी नृत्य-: विभिन्न अवसरों मे महिलाओ द्वारा किया जाता हैं। यह ‘मालवा’ का एक सामुदायिक नृत्य है।यह भील आदिवासी द्वारा नाचे जाने वाला प्रमुख नृत्य हैं।
कर्मा नृत्य-: बसंत ऋतु मे आदिवासी जन समुह द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।
तृतीली नृत्य-: मध्य प्रदेश में ‘कमर’ जनजाति द्वारा किया जाता है।
मुरिया नृत्य-: लिंगो पेन जनजाति के फालिक देवता और घोटुल’ समाज के संस्थापक के लिए प्रार्थना के साथ शुरू करते हैं।
लेहंगीनृत्य-:बंजारा और ‘कंजर’ जनजातिद्वारा मानसून आने और राखी के त्योहार पर किया जाता है।
अहिरीनृत्य-अहिरी नृत्य ग्वालियर के पशुपालकों का एक चिह्न है। जिनके द्वारा यह विशेष अवसरों मे किया जाता हैं।
सैला नृत्य:- सैला नृत्य छड़ी नृत्य का एक रूप है और इसे ‘सरगुजा’, ‘बैतुल’ और ‘छिंदवाड़ा’ जिलों के लोगों के बीच बहुत पसंद किया जाता है।
भगोरिया नृत्य:- यह प्रसिद्ध नृत्य भील द्वारा होली के त्योहार अवसर पर किया जाता है। इस पर्व में आयोजित हाट के द्वारा अविवाहित युवा-युवतियों को अपना मनपसन्द जीवन साथी चयन करने का सुअवसर प्राप्त होता है। यह धार झाबुआ बड़वानी खरगोन आदि जिलों मे अधिक पसंद किया जाता है।
जवारा नृत्य-: बुंदेलखंड क्षेत्र के लोग धन का जश्न मनाने के लिए इस नृत्य को करते हैं।
बारदी नृत्य:-बारदी नृत्य को पूर्णिमा के दिन तक दिवाली की शुरुआत में जनजातियो द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।
मध्यप्रदेश की नदियां-
भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य में सबसे अधिक लगभग 207 नदियां प्रवाहित होती है। इसलिए मध्यप्रदेश को नदियों का मायका भी कहा जाता है। मध्यप्रदेश की कुछ मुख्यय नदियां इस प्रकार है:-
नर्मदा नदी- नर्मदा नदी मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नदी और भारत की पांचवीं सबसे बड़ी नदी है। नर्मदा नदी का उद्गम अनूपपुर जिले के अमरकंटक की चोटी से हुआ है। नर्मदा नदी को मध्य प्रदेश की जीवन रेखा भी कहा जाता है। यह पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है। इसका अंत अरब सागर खंभात की खाड़ी में होता है। नर्मदा नदी का पुराना नाम रामायण के अनुसार रेवा भी कहा गया है। नर्मदा नदी की कुल लंबाई 1312 किलोमीटर है।जो मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, के अंतर्गत आती है मध्यप्रदेश में इसकी कुल लंबाई 1077 किलोमीटर है। मध्यप्रदेश की लगभग 41 सहायक नदियां है। हिरन, शक्कर, बनास, वरना, हथिनी, आदि।
चंबल नदी :- चबल नदी का उद्गम इंदौर जिले के महू तहसील के जानापाव पर्वत श्रेणी से हुआ है। और इसका समापन उत्तर प्रदेश के इटावा मे यमुना नदी पर मिल जाती है। यह मध्य प्रदेश की दूसरी बड़ी नदी है। नदी की कुल लंबाई 965 किलोमीटर है। इसका प्राचीन नाम चर्मावती है। कालीसिंध, पार्वती, बनास, इसकी सहायक नदियां है।
बेतवा नदी:- बेतवा नदी का उद्गम रायसेन के कुमरा नामक स्थान से हुआ है एवं उसका अंत उत्तर प्रदेश के हमीरपुर के निकट यमुना नदी में होता है यह नदी उत्तर से पूर्व की ओर बहती है। जिसकी कुल लंबाई 380 किलोमीटर है। दशान, वीना, इसकी सहायक नदियां है।
ताप्ती नदी:- ताप्ती नदी को भगवान सूर्य की पुत्री भी कहा जाता है, इसकी कुल लंबाई 780 किलोमीटर है। यह नदी का उद्गम मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई से हुआ है, यह नर्मदा के समानांतर पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है। इसकी कुल लंबाई 724 किलोमीटर है। पूर्णा नदी इसकी सहायक नदी है।
सोन नदी :- सोन नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के अमरकंटक की चोटी से हुआ है । इसे स्वर्ण नदी के नाम से भी जाना जाता है। और इसका अंत बिहार के पटना मे गंगा नदी पर होता है । यह भी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है। जोहिला नदी इसकी सहायक नदी है ।
क्षिप्रा नदी:- क्षिप्रा नदी का उद्गम इंदौर की काकडी वर्डी से हुआ है। इसकी कुल लंबाई 195 किलोमीटर है। इसे मध्यप्रदेश मे मालवा की गंगा भी कहां जाता है और इसका अंत मंदसौर जिले के समीप चंबल नदी पर होता है। खान नदी इसकी प्रमुख सहायक नदी है।
तवा नदी:- तवा नदी का उद्गम होशंगाबाद जिले के पचमढ़ी के महादेव पर्वत की कालीभीत पहाड़ियों से होता है, और यह नर्मदा नदी में समाहित हो जाती है मालिनी और देनवा इसकी सहायक नदी है।
मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान:-
मध्यप्रदेश, भारत में सर्वाधिक राष्ट्रीय उद्यान वाला राज्य है। कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश का पहला बाघ परियोजना में शामिल राष्ट्रीय उद्यान हैं।
कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान:-
- यह राष्ट्रीय उद्यान जिला मंडला में स्थित है।
- इसका कुल क्षेत्रफल 940 वर्ग किलोमीटर है।
- यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा नेशनल पार्क है।
- इसके अभ्यारण बनने का सन 1933 था। तथा 1955 को इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया।
- सन 1974 में टाइगर रिजर्व में शामिल कर दिया गया था।
- यह मध्य प्रदेश का पहला राष्ट्रीय उद्यान पहला अभ्यारण और पहला टाइगर रिजर्व है।
- यह राष्ट्रीय उद्यान साल वृक्षों, वनों के लिए विख्यात है।
- बंजर घाटी, हालो घाटी यहां के प्रमुख दार्शनिक स्थल है।
- खजुराहो के बाद सर्वाधिक पर्यटक यहां आते हैं।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान :-
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के पन्ना एवं छतरपुर में फैला हुआ है.
- इसका क्षेत्रफल लगभग 543 वर्ग किमी है.
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन् 1981में हुई थी.
- इसे 1994 में बाघ परियोजना में शामिल किया गया.
पेंच राष्ट्रीय उद्यान:-
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान सिवनी छिंदवाड़ा और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है ।
- इसका वर्तमान नाम इंदिरा प्रदर्शनी राष्ट्रीय उद्यान है।
- इसका कुल क्षेत्रफल 293 वर्ग किलोमीटर है।
- इसकी स्थापना सन 1975 में की गई।
- रुपयाड किपलिंग की रचना द जंगल बुक का मोगली लैंड यहां पर स्थित है।
- यह वायसन या गौर जंगली भैंसों के लिए विख्यात है।
- एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान जहां वाटर राफ्टिंग की सुविधा उपलब्ध है।
- यह भी एक टाइगर रिजर्व है।
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान :-
- यह राष्ट्रीय उद्यान सीधी जिले में है।
- इसका क्षेत्रफल 497 वर्ग किलोमीटर है।
- इसकी स्थापना 1981 में की गई थी।
- इसका पुराना नाम डुबरी है इसका अधिकांश भाग छत्तीसगढ़ में चला गया है।
- इसे मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व मे 2008 मे शामिल किया गया था
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान:-
- यह राष्ट्रीय उद्यान उमरिया जिले में स्थित है इसका क्षेत्रफल 448 वर्ग किलोमीटर है इसकी स्थापना 1968 में की गई थी यह सफेद शेरों के लिए जाने जाते हैं ।यह 32 पहाड़ियों से घिरा हुआ है ।यह भी एक टाइगर रिजर्व है।
माधव राष्ट्रीय उद्यान:-
- यह शिवपुरी जिले में स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग 337 वर्ग किलोमीटर है। जार्ज कैसल भवन भी यहीं स्थित है। यह 1958 में स्थापित किया गया था। National Highway 3 आगरा- मुंबई इसी राष्ट्रीय उद्यान से होकर गुजरता है ।
जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान :-
- जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान यह डिंडोरी जिले में है यह क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है इसका क्षेत्रफल लगभग 0.27 वर्ग किलोमीटर है इसकी स्थापना सन् 1968 में की गई थी। इस उद्यान में पादपों और जंतु के जीवाश्म पाए जाते हैं।
वन बिहार:-
- यह भोपाल मे स्थित है इसकी स्थापना सन 1979 में की गई थी इसका क्षेत्रफल लगभग 4.45 वर्ग किलोमीटर है।
डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान :-
- यह धार जिले में इसकी स्थापना सन 2010 में की गई थी। इसका क्षेत्रफल 0.897 वर्ग किलोमीटर है।
ओमकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान:-
- यह खंडवा जिले में है इसका क्षेत्रफल 293 वर्ग किलोमीटर है।
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान:-
- यह होशंगाबाद जिले में स्थित है इसकी स्थापना 1983 में की गई थी क्षेत्रफल इसका क्षेत्रफल 525 वर्ग किलोमीटर है यह सौगन वनों के लिए विख्यात है यह कृष्ण मुल्क के लिए विख्यात है यह भी एक टाइगर रिजर्व है।
- मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालय :-
- हरिशंकर सिंह गौर विश्वविद्यालय :-यह मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित है। इसकी स्थापना सन 1946 में हुई थी। यह प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है। इसे वर्ष 2008 में केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया था। विश्वविद्यालय में स्थित जवाहरलाल नेहरू लाइब्रेरी एशिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी है। इस विश्वविद्यालय में स्थित दो प्रसिद्ध व्यक्तियों की समाधिया डॉ हरिसिंह गौर व पंडित रविशंकर शुक्ल की है।
- रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय :- जबलपुर में स्थित है इसकी स्थापना सन 1957 में की गई थी।
- विक्रम विश्वविद्यालय :- जो कि उज्जैन में स्थित है इसकी स्थापना भी 1957 में की गई थी।
- लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय:- जो कि ग्वालियर में है इसकी स्थापना 1957 में की गई थी।
- जीवाजी राव सिंधिया विश्वविद्यालय:- जो ग्वालियर में है जिसकी स्थापना 1964 में की गई थी।
- देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय :- जो कि इंदौर में है,इसकी स्थापना 1964 में की गई थी।
- जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय:- जो जबलपुर में स्थित है इसकी स्थापना 1964 में की गई थी।
- अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय:- रीवा में है इसकी स्थापना भी 1964 में की गई थी।
- बरकतउल्ला विश्वविद्यालय:- भोपाल में स्थित है इसकी स्थापना 1970 में की गई थी।
- माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय विश्वविद्यालय :- भोपाल में है जो कि 1990 में स्थापित किया गया था ।
- महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय:- चित्रकूट सतना में स्थित है। इसकी स्थापना 1991 में हुई थी।
- राजा भोज मुक्त विश्वविद्यालय:- भोपाल में स्थित है इसकी स्थापना 1991 में की गई थी।
- महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय :- कटनी में है जिसकी स्थापना 1995 में हुई थी।
- राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय :- भोपाल में है इसकी स्थापना 1998 की गई थी।
- राजीव गांधी विश्वविद्यालय:- की स्थापना सन् 2000 मे की गई थी। जो कि भोपाल में स्थितहै।
- इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय:- अमरकंटक में स्थित है। इसकी स्थापना 2008 में हुई थी।
- राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय:- ग्वालियर में है इसकी स्थापना 2008 में की गई थी।
- महर्षी पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय :-उज्जैन में है इसकी स्थापना 2008 में की गई थी।
- राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना 2008 मे ग्वालियर में की गई थी।
- हिंदी विश्वविद्यालय:- भोपाल, इसकी स्थापना सन 2012 में की गई थी।
प्रमुख महल एवं मंदिर
जिला धार मांडू में स्थित :-
- रानी रूपमती का महल
- अशर्फी महल
- हिंडोला महल
- जहाज महल
- दाई का महल
ग्वालियर मे स्थित :-
- सास बहू का मंदिर
- मोती महल
- तेली का मंदिर
- गुजरी महल
- जय विलास पैलेस
चंदेरी मे स्थित :-
- नौखंडा महल
- हवा महल
- जोहर महल ।
बादल महल:- रायसेन
राजा रोहित महल :- रायसेन
मदन महल :- जबलपुर
जहांगीर महल:- ओरछा (टीकमगढ़)
खरबूजा महल:- धार मे।
यह कुछ मध्यप्रदेश की जानकारी टॉपिक थे। आशा करता हूँ कि यह जानकारी आप के काम आएंगी।
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