फिल्मो मे विलन का किरदार निभाने वाले अभिनेता असल जिंदगी मे हीरो से कम नही है जी हा हम बात कर रहे है, अभिनेता सोनू सुद की । साथ ही जन्म दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देते है और यह कामना करते हैं कि आप ऐसे अच्छे काम करते रहें और लोगों का प्यार आप पर हमेशा बना रहे सोनू जी के इस जन्मदिवस के अवसर मे उनके जीवन से जुड़ी कुछ बाते जानते हैं। अापको ज्ञात हो कि बीते कुछ माह पहले से अब तक उनका लोगो के प्रति कार्य और भावना सराहनिय हैं। 
वैश्विक महामारी कोरोना virus (covid19) लॉकडाउन से प्रभावित प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करने वाले अभिनेता सोनू सूद के नेक काम की हर जगह सराहना हो रही है । जो गरीबो और प्रवासी मजदूर के लिए मसीहा बने। आइए जानते हैं कुछ बाते सोनू के बारे मे 
सोनू सूद का जन्म 30 जुलाई 1973 को पंजाब के मोगा में हुआ। उनकी माता जी का नाम सरोज सूद जो की एक प्रोफेसर थी और पिता जी का नाम  शक्ति सूद जो एक कपड़े के व्यापारी थे। उनकी मां चाहती थी कि सोनू एक अच्छी पढ़ाई करें तो स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने नागपुर चले गए सोनू को पढ़ाई के अलावा एक्टिंग और मॉडलिंग का बहुत शौक था जहां यशवंतराव  चौहान  महाविद्यालय नागपुर से उन्होंने अपनी अभियांत्रिकी की पढ़ाई पूरी की, और कॉलेज के समय से ही एक्टिंग शुरू कर दी थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अपनी मां से कहा की, मां मुझे एक्टर बनना है मुझे आप डेढ़ साल का वक्त दीजिए मैं अपनी पूरी कोशिश करना चाहता हूं यदि मैं असफल हुआ तो पिताजी के साथ अपना घरेलू व्यापार को ज्वाइन कर लूंगा।  इन सब बातों के बाद सोनू  5500 Rs  अपने पॉकेट में लेकर अपने सपनो को  साकार करने मुंबई के लिए रवाना हो गए और उनकी स्ट्रगल लाइफ मुंबई में चालू हो गई, एक प्रोडक्शन ऑफिस से दूसरे प्रोडक्शन ऑफिस अपनी तस्वीरें लेकर घूमना उस समय यही तरीका होता था एक्टिंग और मॉडलिंग में कैरियर शुरू करने वाले युवक के स्ट्रगल लाइफ में और  इसके साथ सोनू ने  मुंबई मे पार्ट टाइम जॉब भी किया काफि स्ट्रगल और rejection झेलने के बाद एक  फिल्म निर्माता की नजर सोनू पर गई और सन 1999 मे उन्हे एक तमिल फिल्म कालजघर ऑफर हुुुई ,वैसे तो तमिल सोनू  को आती नहीं थी फिर भी वह चेन्नई के लिए ट्रेन में रवाना हुए, क्योकि यही समय होता है दोस्तो positive or negative समझने का यदि सोनू नेगेटिव सोच लेते कि मुझे तमिल नहीं आती, मैं यह पिक्चर कैसे करूंगा परंतु बार-बार मौके नहीं मिलते इस मौके को मैं कैसे अच्छा बना सकता हूं और पॉजिटिव एनर्जी के साथ उन्होंने तमिल का अभ्यास भी चालू किया और उन्हें सफलता भी मिली धीरे धीरे काम मिलता रहा इसके साथ उन्हे तेलुगू और कन्नड़ मैं भी फिल्में ऑफर होने लगी इसके अलावा सोनू ने पंजाबी फिल्म मे भी काम किया है। एक के बाद एक तमिल कन्नड़ तेलुगू  फिल्म मे अपनी एक्टिंग का जौहर दिखाने के बाद सोनू सूद को पहली हिंदी फिल्म सन 2002 मे शहीद ए आलम मिली जिसमें उन्होंने शहीद भगत सिंह की भूमिका निभाई थी। 
और इन सब के बाद हिन्दी फिल्म भी मिलती गई। सन् 2005 मे आशिक बनाया आपने और 2008 मे जोधा अकबर के लिए  सर्वश्रेष्ठ सहायक एक्टर के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार से समानित किया गया। और साल 2009 मे अरुंधति (तेलुगू) खलनायक के अभिनय के लिए नंदी अवार्ड और 2010 मे आई हिन्दी फिल्म दबंग मे छेदीसिंह की भूमिका मे खलनायक के अभिनय के लिए अप्सरा अवार्ड  IIFA  सर्वश्रेष्ठ खलनायक  पुरस्कार प्राप्त किया। 
इसके अलावा 2005 मे आशिक़ बनाया आपने, 2008 मे एक विवाह ऐसा भी, सिंह इज किंग, सूट आउट एंड वडाला, बुड्ढा होगा तेरा बाप, रमैया वस्ता वैया आदि हिट फिल्में दी। 
इसी के साथ सोनू सर को जन्मदिवस की शुभकामनाओ के साथ ईस्वर से प्रार्थना करते हैं की सर आप ऐसे ही अच्छे कार्य करते रहे स्वस्थ रहें मस्त रहें और प्रगति करते रहें। 

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