भारत मे राज्यो का गठन और पुनर्गठन कब हुआ, भारत मे वर्तमान मे कितने राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश हैं। केन्द्रशासित प्रदेश क्या होते हैं। इन बातो के महत्वपूर्ण बिंदुओ को जानते है।
भारत के प्रथम राष्ट्रपति और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश एस.के धर की अध्यक्षता में भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन उचित है या नहीं इसकी जांच के लिए एक 4 सदस्यीय आयोग की नियुक्ति की। इस आयोग ने भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का विरोध किया और प्रशासनिक सुविधा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का समर्थन किया।
धर आयोग के निर्णय की समीक्षा करने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति ने अपने जयपुर अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू बल्लभ भाई पटेल और पट्टाभि सीतारामय्या की एक समिति का गठन किया और भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग को खारिज कर दिया।
पंडित जवाहरलाल नेहरू सरदार वल्लभभाई पटेल एवं सीतारामय्या ने जे. बी. पी. समिति की रिपोर्ट के बाद मद्रास राज्य के तेलुगू वासियों ने पोटी श्री रामुल्लू के नेतृत्व में आंदोलन प्रारंभ हुआ।
रामुल्लू की मृत्यु के पश्चात नेहरू जी ने तेलुगू वासियों के लिए अलग आंध्र प्रदेश के गठन की घोषणा कर दी। 1 अक्टूबर 1953 ईस्वी को आंध्रप्रदेश राज्य का गठन हो गया यह राज्य भाषा के आधार पर स्वतंत्र भारत मे गठित होने वाला प्रथम राज्य था। उस समय आंध्र प्रदेश की राजधानी कर्नूल थी।
फजल अली जो राज्य पुनर्गठन आयोग के अध्यक्ष थे एवं इसके अन्य सदस्य पंडित हृदयनाथ कुंजरू और सरदार के.एम पर्णीकर थे।
राज्य पुनर्गठन अधिनियम जुलाई 1956 ईस्वी में पास किया गया इसके अनुसार भारत में 14 राज्य एवं 6 केंद्र शासित प्रदेश स्थापित किया गया।
फ्रांस की सरकार ने नवंबर 1954 ईस्वी को अपनी सभी बस्तियां पांडिचेरी, यनाम,चंद्रनगर और कैरीकल को भारत को सौंप दिया 28 मई 1956 ईस्वी को इस संबंध में संधि पर हस्ताक्षर हो गया इसके बाद इन सभी को मिलाकर पांडिचेरी संघ राज्य क्षेत्र का गठन किया गया।
भारत सरकार ने 18 दिसंबर 1961 ईस्वी को गोवा, दमन व दीव की मुक्ति के लिए पुर्तगालियों के विरुद्ध कार्यवाही की और उन पर अपना पूर्ण अधिकार कर लिया 12वीं संविधान संशोधन द्वारा गोवा दमन व दीव को प्रथम परिशिष्ट में शामिल करके भारत का अभिन्न अंग बना दिया गया।
मराठी एवं गुजराती वासियों के बीच संघर्ष के कारण 1 मई 1960 ईस्वी को मुंबई राज्य को बटवारा करके महाराष्ट्र एवं गुजरात नामक 2 राज्यों की स्थापना की गई।
नागा आंदोलन के कारण असम को विभाजित करके 1 दिसंबर 1963 ईस्वी को नागालैंड अलग राज्य बनाया गया।
1 नवंबर 1966 ईस्वी को पंजाब को विभाजित करके पंजाबी भाषा एवं हरियाणा हिंदी भाषी दो राज्य बना दिए गए।
हिमाचल प्रदेश को 25 जनवरी 1971 ईस्वी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया एवं मणिपुर त्रिपुरा एवं मेघालय को 21 जनवरी 1972 ईस्वी को राज्य का दर्जा दिया गया।
इसी प्रकार सिक्किम भारत का, 26 अप्रैल 1975 ईस्वी को 22 वा राज्य बनाया गया।
20 फरवरी 1987 ईस्वी में मिजोरम एवं अरुणाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
गोवा को 25 वा राज्य 30 मई 1987 ईस्वी में राज्य का दर्जा दिया गया।
1 नवंबर 2000 ईस्वी को छत्तीसगढ़ 26 वा राज्य 9 नवंबर 2000 ईस्वी को उत्तरांचल जो अब उत्तराखंड 27 वा राज्य एवं 15 नवंबर 2000 ईस्वी को झारखंड 28 वा राज्य बनाया गया।
इन 29 राज्यों में जम्मू-कश्मीर भी एक राज्य होता था किंतु 31 अक्टूबर 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को भी केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया गया। और राज्यों की संख्या 28 हो गई।
भारत के राज्य और उनका गठन:-
2.ओड़िशा 3.बिहार 4.पश्चिमबंगाल 5.असम
6. तमिलनाडु :- 26 जनवरी 1950
7. मध्यप्रदेश 8. राजस्थान 9.केरल
10. कर्नाटक:- 1 November 1956
11. आंध्रप्रदेश:- 1 अक्टूबर 1953
12. महाराष्ट्र 13. गुजरात:- 1 मई 1960
14. नागालैंड :- 1 दिसंबर 1963
15.पंजाब 16.हरियाणा:- 1 nov.1966 17.हिमाचलप्रदेश:- 25 जनवरी 1971 18.मेघालय:- 1 अप्रैल 1972
19.मणिपुर 20.त्रिपुरा:- 21 जनवरी 1972 21.सिक्किम:- 10 अप्रैल 1975
22.मिजोरम 23. अरुणाचल प्रदेश:-
20 फरवरी 1987
24. गोवा:- 30 मई 1987
25. छत्तीसगढ़:- 1 नवंबर 2000
26. उत्तराखंड:- 9 नवंबर 2000
27. झारखंड :- 15 नवंबर 2000
28. तेलंगना:- 2 जून 2014
केंद्रशासित प्रदेश का गठन:-
2. अंडमान और निकोबार:- 1nov 1956
3. चंडीगढ़:- 1 November 1956
4. दादर और नागर हवेली तथा दमन और दीव:-
26 जनवरी 2020
(दमन और दीप पहले अलग केंद्र शासित प्रदेश था अब इसे दादर और नागर हवेली के साथ जोड़ा गया है।)
5. लक्षदीप:- 1 नवंबर 1956
6. पांडिचेरी:- 1 November 1954
7. जम्मू और कश्मीर:- 31 अक्टूबर 2019
8. लद्दाख:- 31 अक्टूबर 2019
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