सूर्य के चारो और चक्कर लगाने वाले विभिन्न ग्रहो उल्काओ, धूमकेतुओ और अन्य आकाशिय पिंडों के समुह को सौरमंडल कहते हैं।
यूं तो हमारे सौरमंडल में पाए जाने वाले ग्रह मे पृथ्वी जो आकार के आधार पर पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है। सौर मंडल मैं मौजूद पिंडों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है।
परंपरागत ग्रह, बोने ग्रह, लघु सौरमंडल आदि। परंपरागत ग्रह में बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण और वरुण ग्रह शामिल है। इसमे बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल को पार्थिव या आंतरिक ग्रह भी कहा जाता है क्योंकि यह पृथ्वी के सदृश्य होते हैं।
पृथ्वी सौरमंडल का एकमात्र ग्रह है जिस पर जीवन संभव है इसका विषुवतीय व्यास 12714 किलोमीटर और ध्रुवीय व्यास 12714 किलोमीटर है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 23 सही 1/2 अंश झुकी हुई है। यह अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व 1610 किलोमीटर प्रति घंटा की चाल से 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकंड में एक पूरा चक्कर लगाती है। पृथ्वी की इस गति को दैनिक गति या घूर्णन गति भी कहते हैं और इसी के चलते यह दिन और रात होते हैं। पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा को पूरा करने में 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट 46 सेकंड का समय लगता है । सूर्य के चारों ओर की परिक्रमा को पृथ्वी की वार्षिक गति या परिक्रमण कहते हैं पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा करने में लगे समय को सौर वर्ष कहा जाता है। प्रत्येक सौर वर्ष कैलेंडर वर्ष से लगभग 6 घंटा बढ़ जाता है। जिसे हर चौथे वर्ष में लीप वर्ष बनाकर समायोजित किया जाता है। 366 दिन का लीप वर्ष होता है, जिसके कारण फरवरी माह मे 28 के स्थान पर 29 दिन का होता है पृथ्वी पर ऋतु परिवर्तन इसकी अक्ष पर झुके होने के कारण तथा सूर्य के सापेक्ष इसकी स्थिति में परिवर्तन याने वार्षिक गति के कारण होती है वार्षिक गति के कारण ही पृथ्वी पर दिन और रात छोटा बड़ा होता रहता है। आकार एवं बनावट की दृष्टि से पृथ्वी शुक्र ग्रह के समान है जल की उपस्थिति के कारण इसे नीला ग्रह कहा जाता हैं। इसका अक्ष इसकी कक्षा के सापेक्ष 66.5 अंश का कोण बनाती है सूर्य के बाद पृथ्वी के सबसे निकट का तारा प्रॉक्सिमा सेंचुरी हैं। जो अल्फा सेंचुरी समूह का एक तारा है यह पृथ्वी से 4.22 प्रकाश वर्ष दूर है पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह चंद्रमा है।
पृथ्वी के अंदर के भाग को तीन भागों में बांटा गया है भूपर्पटी, आवरण, केंद्रीय भाग पृथ्वी के ऊपरी भाग को भूपर्पटी कहते हैं यह अंदर की तरफ 34 किलोमीटर तक का क्षेत्र है यह मुख्यता बेसाल्ट चट्टान से बना है। इसके दो भाग हैं सियाल और सीमा सियाल क्षेत्र में सिलिकॉन एलुमिना एवं सीमा क्षेत्र में सिलिकॉन मैग्नीशियम की बहुलता होती है
पृथ्वी के नीचे जाने पर प्रति 32 मीटर की गहराई पर तापमान 1 डिग्री सेंटीग्रेड बढ़ता जाता है पृथ्वी के स्थलीय क्षेत्र पर सबसे नीचा क्षेत्र जॉर्डन में मृत सागर के आसपास का क्षेत्र है यह क्षेत्र समुद्र तल से औसतन 400 मीटर नीचे है सबसे पहले पाइथागोरस में बताया कि पृथ्वी गोल है और यह आकाश में स्वतंत्र रूप से लटकी हुई है
पृथ्वी का संपूर्ण बाहरी परत जिस पर महाद्वीप एवं महासागर स्थित है स्थलमंडल कहलाती है। पृथ्वी के कुल 29 प्रतिशत भाग पर स्थल तथा 71 परसेंट भाग पर जल है पृथ्वी पर अधिकतम ऊंचाई माउंट एवरेस्ट 8850 मीटर की तथा अधिकतम गहराई मेरियाना गर्त 11033 मीटर की है इस प्रकार पृथ्वी की अधिकतम ऊंचाई एवं अधिकतम गहराई में लगभग 20 किलोमीटर का अंतर है
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