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वैज्ञानिक उपकरण (Scientific instruments)

विज्ञान के अंतर्गत ऐसे बहुत सारे महत्वपूर्ण यंत्र एवं उपकरण है जिसकी सहायता से बहुत से काम को अत्यंत सरल बना लिया गया है विद्युत धारा ज्ञात करना मौसम की जानकारी प्राप्त करना वर्षा की जानकारी प्राप्त करना और विमान की ऊंचाई,  मीनार की ऊंचाई, उत्तर दक्षिण दिशा ज्ञात करना और भी कार्यों को विज्ञानिक उपकरण की सहायता से इसे आसान बनाया गया है तो आइए कुछ महत्वपूर्ण विज्ञानिक उपकरण के बारे में जानते हैं-

अल्टीमीटर (Altimeter):- उड़ते हुए विमान की ऊंचाई मापने हेतु इस यंत्र का प्रयोग किया जाता है। 

अमीटर (Ammeter):- विद्युत धारा को मापने के लिए यंत्र का प्रयोग किया जाता है। 

ऑडियोमीटर (Audiometer):- ध्वनि की तीव्रता मापने के काम मे आने वाला उपकरण होता है। 

अनिमोमीटर (Anemometer):- यह उपकरण हवा की शक्ति तथा गति को मापता है। 

ऑडियोफोन (Audiophone):- इसका उपयोग लोग सुनने में सहायता के लिए कान में लगाने के लिए करते हैं या ऑडियो को सुनने में करते हैं।  

एयरोमीटर (Aerometer):- इस उपकरण का प्रयोग वायु एवं गैस का भार तथा घनत्व मापने या ज्ञात करने के लिए किया जाता है। 

बैरोग्राफ (Barograph):- इसके द्वारा वायुमंडल के दाव में होने वाले परिवर्तन को मापा जाता है। 

बैरोमीटर (Barometer):- इसके द्वारा वायुमंडल के दाव मापने के काम में आता है। 

बाईनोक्यूलर (Binocular):- यह उपकरण दूर की वस्तुएं देखने के काम में आता है। 

कैलीपर्स (Calipers):- इसके द्वारा बेलनाकार वस्तुओ के अंदर तथा बाहर के व्यास मापे जाते हैं इससे वस्तु की मोटाई भी मापी जाती है। 

कैलोरीमीटर (Calorimeter):- यह उपकरण तांबे का बना होता है ऊष्मा की मात्रा ज्ञात करने के काम में आता है। 

कार्डियोग्राम (Cardiogram):- इसके द्वारा हृदय गति की जांच की जाती है। इसको इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम भी कहते हैं। 

क्रोनोमीटर (Chronometer):- यह उपकरण जलयान मे लगा होता है। इससे सही समय का पता लगता है। 

सिनेमाटोग्राफ (cinematograph):-  यह उपकरण को छोटी-छोटी फिल्म को बडा करके  पर्दे पर लगातार क्रम में प्रोजेक्शन के लिए प्रयोग किया जाता है।

कंपास (compass):-  यह उपकरण के द्वारा किसी स्थान पर उत्तर दक्षिण दिशा का ज्ञान प्राप्त करना होता है।

साइक्लोट्रॉन (Cyclotron):- यह उपकरण की सहायता से अवशोषित कणो जैसे नाभिक कण इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन आदि को त्वरित किया जाता है । 

डेंसिटीमीटर (Densitymetet):- इस उपकरण का प्रयोग घनत्व ज्ञात करने में किया जाता है । 

डिक्टाफोन (Dictaphone):- इसका उपयोग अपनी बात तथा आदेश दूसरे व्यक्ति को सुनाने के लिए रिकॉर्ड किया जाता है इसका प्रयोग प्राय: ऑफिसो में किया जाता है।

नमनमापी:- यह उपकरण किसी स्थान पर नमन कोण मापने के लिए प्रयोग किया जाता है।  

डाइनेमोमीटर (Dynamometer):- इस यंत्र का प्रयोग इंजन द्वारा उत्पन्न की गई शक्ति को मापने में होता है। 

एपीडास्कोप (Epidiascope):- इसका प्रयोग चित्रों को पर्दे पर प्रोजेक्शन के लिए किया जाता है। 

फैदोमीटर (Fathometer):- यह यंत्र समुद्र की गहराई नापने के लिए काम में आता है ।

गैल्वेनोमीटर (Galvanometer):-  इस यंत्र का प्रयोग छोटे विद्युत परिपथ में विद्युत धारा की दिशा एवं मात्रा ज्ञात करने में किया जाता है। 

गाइगर मूल काउंटर (Geiger-muller counter):- इस उपकरण की सहायता से रेडियो एक्टिव स्त्रोत के विकिरण की गणना की जाती है। 

ग्रेवीमीटर (Gravimeter):- इस यंत्र के द्वारा पानी की सतह पर तेल की उपस्थिति ज्ञात की जाती है। 

गाइरोसकोप (Gyroscope):- इस यंत्र से घूमती हुई वस्तुओ की गति ज्ञात की जाती है। 

हाइड्रोमीटर (Hydrometer):- इसकी सहायता से वायुमंडल से व्याप्त आद्रता मापी जाती है। 

हाइड्रोफोन (Hydrophone):-  यह पानी के अंदर ध्वनि तरंगों की गणना करने का काम में आने वाला उपकरण है। 

हाइग्रोमीटर (Hygrometer) :- इस उपकरण के द्वारा वायुमंडल मे व्याप्त आद्रता मापी जाती है। 

स्क्रूगेज:- इसका प्रयोग बारिक तारों के व्यास मापने के काम में आता है। 

किलोस्कोप:- टेलीविजन द्वारा प्राप्त चित्रों को इस उपकरण के ऊपर देखा जाता है। 

लाइटिंग कंडक्टर (Lighting Conductor) :- यह उपकरण ऊंची इमारतों के ऊपर उनके भागों पर लगा दिया जाता है जिससे बिजली का कोई प्रभाव नहीं पड़ता और इमारतें सुरक्षित रहती है। 

कैलिडोस्कोप:- इसके द्वारा रेखा गणितीय आकृति भिन्न भिन्न प्रकार की दिखाई देती हैं। 

मैगाफोन:-  इस यंत्र के द्वारा ध्वनि को दूर स्थान पर ले जाया जा सकता है। 

मैनोमीटर:- गैस का दांव ज्ञात करने में इसकी सहायता ली जाती है ।

माइक्रोमीटर:- यह एक प्रकार का पैमाना है इसकी सहायता से m.m. के हजारवे भाग को ज्ञात कर सकते हैं। 

माइक्रोस्कोप:- यह छोटी वस्तुओं को आवर्धित करके बड़ा कर देती है अतः जिन वस्तुओं को आंखों से नहीं देखा जा सकता उन्हें इस उपकरण से देख सकते हैं। 

माइक्रोटोम:- किसी वस्तु के बहुत छोटे-छोटे टुकड़ों में काटने के काम आता है जिनका  सूक्ष्म अध्ययन करना होता है। 

ओडोमीटर:- पहिया वाली गाड़ी द्वारा चली दूरी मापने के काम में आता है। 

ओसिलोग्राफ:- विद्युत तथा यात्रिक कंपन को ग्राफ पर चित्र करने वाला उपकरण है।

पेरिस्कोप:- पनडुब्बियों में उपयोग होने वाला उपकरण जिसकी सहायता से पानी मे डूबे हुए ही पानी के ऊपर  का दृश्य दिखाई पड़ सकता है ।

पोटेंशियोमीटर:- यह विद्युत वाहक बल की तुलना करने में लघु प्रतिरोधों के मापन में तथा वोल्टमीटर, अमीटर के केलिब्रेशन में काम करता है। 

पायरोमीटर:- दूर स्थित वस्तुओं के ताप को     ज्ञात करने हेतु इस यंत्र का प्रयोग किया जाता है। 

फोनोग्राफ:- ध्वनि-लेखन के काम आने वाले उपकरण को फोनोग्राफ कहते हैं। 

फोटामीटर:- यह दो स्त्रोतो की प्रदीपन तीव्रता की तुलना करने में काम आता है। 

फोटोटेलीग्राप:- यह फोटोग्राफ एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने वाला उपकरण है।

साइटोट्रॉन:- यह कृत्रिम मौसम उत्पन्न करने के काम में आने वाला उपकरण है। 

रडार:- यह यंत्र अंतरिक्ष में आने जाने वाले वायुयानो के संसूचन और उनकी स्थिति ज्ञात करने के काम में आता है। 

रेनगेज:- यह वर्षा मापने के काम में आने वाला उपकरण है। 

रेडियोमीटर:- यह यंत्र का उपयोग विकिरण की माप करने के लिए किया जाता है ।

रेडियो टेलीस्कोप:- इसकी सहायता से दूर स्थान की घटनाओं को बेतार प्रणाली से दूसरे स्थान पर देखा जा सकता है। 

सिस्मोग्राफ:- यह भूकंप का पता लगाने वाला उपकरण है। 

सेफटीलेम्प (safety lamp) :-यह प्रकाश के लिए खानों में उपयोग होने वाला उपकरण है इसकी मदद से खानों में होने वाले विस्फोट को बचाया जा सकता है ।

सेक्सटैंट:- यह किसी ऊंचाई या मीनार आदि को नापने में काम आने वाला उपकरण है। 

स्पीडोमीटर :-यह गति को प्रदर्शित करने वाला उपकरण है जो की कार, ट्रक आदि वाहनों में लगा रहता है। 

सबमेरीन:- यह पानी के अंदर चलने वाला एक छोटा जलयान है इसकी सहायता से समुद्र की सतह पर होने वाली हलचल का भी ज्ञान होता रहता है । 

स्फेरोमीटर:- यह गोलीय तल की वक्रता की त्रिज्या ज्ञात करने के काम आता है। 

विस्कोमीटर :-यह द्रवों की श्यानता ज्ञात करने के काम में आने वाला उपकरण है। 

टैली फोटोग्राफी:- उपकरण की सहायता से गतिशील वस्तु का चित्र दूसरे स्थान पर प्रदर्शित किया जा सकता है। 

टैलेक्स:- इसके अंतर्गत दो स्थानों के मध्य समाचारों का सीधा आदान-प्रदान होता है। 

टेलीप्रिंटर :-यह समाचार प्राप्त करने का उपकरण है इसकी सहायता से स्वत: ही समाचार टाइप होते रहते हैं ।

टेलिस्कोप:- इसकी सहायता से दूर की वस्तु को स्पष्ट देखा जा सकता है। 

टेलस्टार :-यह अंतरिक्ष में स्थित ऐसा उपकरण है जिसकी सहायता से महाद्वीपों के आर पार टेलीविजन तथा बेतार प्रसारण भेजे जाते हैं इस उपकरण को अमेरिका ने अंतरिक्ष में स्थापित किया था। 

थर्मोस्टेट (thermo state) :-इसके प्रयोग से किसी वस्तु का ताप एक निश्चित बिंदु तक बनाएं रखा जाता है। 

थियोडोलाइट (thedolite) :-यह अनुप्रस्थ तथा लंबवत कोणों की माप ज्ञात करने के काम आने वाला उपकरण है सिविल इंजीनियरिंग में इस यंत्र का प्रयोग बहूयात मात्रा में होता है।

एक्टिओमीटर (Actiometer) :-सूर्य किरणों की तीव्रता का निर्धारण करने वाला उपकरण है। 

होवरक्राफ्ट (Hovercraft) :-एक वाहन जो वायु की मोटी गद्दी (cushion) पर चलता है यह यह साधारण भूमि दलदली बर्फीले मैदानों रेगिस्तान पर तीव्र गति से भाग सकता है इस वाहन का भूमि से संपर्क नहीं रहता। 

टैकोमीटर:- यह वायुयानो तथा मोटर नाव की गति को मापने वाला एक उपकरण होता है।

रिफरेकट्रोमीटर (Rifractrometer) :-यह पारदर्शक  माध्यम का अपवर्तनांक ज्ञात करने बाला उपकरण होता है। 

स्ट्रोवोस्कोप (Strobo scope) :-आवतित गति से घूमने वाली वस्तुओं की चाल इस उपकरण की सहायता से ज्ञात करते हैं। 

अक्यूमुलेटर (Accumulater):- इस यंत्र के द्वारा विधुत ऊर्जा का संग्रह किया जाता है।

बैलिस्टिक गैलवानोमीटर (Ballistic galvanometer):-  इसका उपयोग लघु धारा (micro Empire) को मापने के लिए किया जाता हैं। 

 कारवुरेटर (Carburetter) :- इस उपकरण का उपयोग अंतः दहन पेट्रोल इंजनों में होता है। इस यंत्र से पेट्रोल तथा हवा का मिश्रण बनाया जाता है। 

Computer:- यह एक प्रकार की गणितीय यांत्रिक व्यवस्था है। इसका उपयोग गणितीय समस्याओं एवं गणनाओं को हल करने में किया जाता है। 















 

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