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अगस्त, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रक्त, मानव रक्त उनके प्रकार और अन्य जानकारी

 जब कभी भी बीमार या रोगग्रस्त मरीज के अस्पताल में खून की जांच (blood sample) आदि जांच की जाती है तब रक्त से संबंधित कुछ और भी फैक्टर या जानकारी रिपोर्ट में देखने को मिलती है। जो मानव रक्त से संबंधित जुड़ी हुई होती है।  मानव रक्त (खून) से जुड़ी कई अहम बाते, शरीर मे रक्त की मात्रा और प्लाज्मा (Plasma) और उनके मानव शरीर मे होने वाले कार्य, रुधिराणु (Blood corpuscles) लाल रक्त कण और कार्य (RBCs), श्वेत रक्त कणिकाएं (WBC), रक्त बिंबाणु- (Blood Platelets or Thrombocytes), आर एच- तत्व (Rh factor), एंटीजन, एंटीबॉडी ब्लड ग्रुप आदि  रक्त से जुड़ी जानकारी  टॉपिक के बारे मे जानते है- मानव रक्त:-  रक्त एक तरल संयोजी ऊतक है।  मानव शरीर में रक्त की मात्रा शरीर के भार का लगभग 7% होती है।  रक्त एक क्षारीय विलियन का होता है। जिसका पीएच मान 7.4  होता है । एक वयस्क मनुष्य में औसतन 5 से 6 लीटर रक्त पाया जाता है।  महिलाओं में पुरुषों की तुलना में 1/2 लीटर रक्त कम होता है।  रक्त मे दो प्रकार के पदार्थ पाए जाते हैं-  1. प्लाज्मा (Plasma) 2. रुधिराणु (Blood...

भारत मे राज्यों का गठन और पुनर्गठन, वर्तमान मे राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश

 भारत मे राज्यो का गठन और पुनर्गठन कब हुआ, भारत मे वर्तमान मे कितने राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश हैं। केन्द्रशासित प्रदेश क्या होते हैं। इन बातो के महत्वपूर्ण बिंदुओ को जानते है।  भारत के प्रथम राष्ट्रपति और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश एस.के धर की अध्यक्षता में भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन उचित है या नहीं इसकी जांच के लिए एक 4 सदस्यीय आयोग की नियुक्ति की। इस आयोग ने भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का विरोध किया और प्रशासनिक सुविधा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का समर्थन किया।  धर आयोग के निर्णय की समीक्षा करने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति ने अपने जयपुर अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू बल्लभ भाई पटेल और पट्टाभि सीतारामय्या की एक समिति का गठन किया और भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग को खारिज कर दिया।  पंडित जवाहरलाल नेहरू सरदार वल्लभभाई पटेल एवं सीतारामय्या ने जे. बी. पी. समिति की रिपोर्ट के बाद मद्रास राज्य के तेलुगू वासियों ने पोटी श्री रामुल्लू के नेतृत्व में आंदोलन प्रारंभ हुआ।...

वायुमंडल (Atmosphere) क्या होता हैं और उसकी संरचना।

 वायुमंडल क्या होता है वायुमंडल में कौन-कौन सी गैस उपस्थित होती हैं वायुमंडल की संरचना कैसी होती है तो आइए जानते हैं-    वायुमंडल (Atmosphere) :-   पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए विस्तृत वायु के फैलाव को वायुमंडल कहते हैं।  वायुमंडल की दो परतें ऊपरी परत और निचली परत होती हैं। ऊपरी परत के अध्ययन को वायुविज्ञान (Aerology) और निचली परत के अध्ययन को ऋतुविज्ञान (meterology) कहते हैं।  आयतन के अनुसार वायुमंडल में 30 मील के अंदर विभिन्न गैसों का मिश्रण होता है। जिसमें नाइट्रोजन 78.07% ऑक्सीजन 20.93% कार्बनडाइऑक्साइड 0.3% और आर्गन  .93%।  वायुमंडल  में पाई जाने वाली कुछ महत्वपूर्ण  गैसे:- नाइट्रोजन :- वायुमंडल में इस गैस की प्रतिशत मात्रा अन्य सभी गैसों से अधिक हैं। वायुमंडल में नाइट्रोजन की उपस्थिति के कारण वायुदाब पवनों की शक्ति तथा प्रकाश के परावर्तन का आभास होता है। इस गैस का कोई रंग, गंध अथवा स्वाद नहीं होता । इस गैस का सबसे बड़ा लाभ यह है की वस्तुओं को तेजी से जलने से बचाती है। वायुमंडल में यदि नाइट्रोजन गैस नहीं होती तो आग पर नियंत...

तरंग, किरणे, ध्वनि तरंग, चाल और उनके माध्यम क्या होते है, इनके उपयोग और अन्य जानकारियां

  भौतिक विज्ञान मे कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक जिस में ध्वनि की चाल, यांत्रिक तरंग, किरणे, ध्वनि तरंग, चाल और उनके माध्यम क्या होते है, और इनके उपयोग और अन्य जानकारियां जो भौतिक विज्ञान की कुछ पुस्तकों के  माध्यम से लिया गया हैं उसे आप के साथ  सांझा कर रहा हु। तो आइए समझते हैं- तरंग:- तरंग को मुख्यता दो भागों में बांटा जा सकता है।  यांत्रिक तरंग, आयांत्रिक तरंग।  यांत्रिक तरग :- वे तरंगे जो किसी पदार्थिक माध्यम ठोस द्रव अथवा गैस में संचारित होती हैं यांत्रिक तरंग कहलाती है।   यांत्रिक तरंगों को मुख्यता दो भागों में बाटा गया है -  अनुदैर्ध्य तरंग (Longitudinal waves)  अनुप्रस्थ तरंग (Transverse waves)    अनुदैर्ध्य तरंग: - जब तरंग गति की दिशा माध्यम के कणों के कंपन करने की दिशा के समांतर या अनुदिश होती है तो ऐसी तरंगों को अनुदैर्ध्य तरंग कहते हैं। ध्वनि अनुदैर्ध्य तरंग का उदाहरण है।  अनुप्रस्थ तरंग :- जब तरंग गति की दिशा माध्यम के कणों के कंपन करने की दिशा के लंबवत होती है तो ऐसी तरंगों को अनुप्रस्थ तरंग कहते हैं। यांत्रिक या विद्युत ...

माउंट एवरेस्ट संबंधित कुछ विशेष तथ्य

   माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) विश्व की  सबसे ऊंची पर्वत श्रेणियां जोकि तिब्बत सीमा पर नेपाल पर स्थित है।  आइए आज विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के कुछ विशेष तथ्यों के बारे में जानते हैं- एवरेस्ट का नाम तत्कालीन भारत के महासर्वेक्षण सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर रखा गया है। जिन्होंने एवरेस्ट की अवस्थिति का पता लगाया। वे 1830 से 1843 ईस्वी तक भारत के महासर्वेक्षक रहे।  विगत में माउंट एवरेस्ट को चोटी- 15 कहा जाता था।  एवरेस्ट की स्थिति  देशांतर 86 डिग्री 55 मिनट 40 सेकंड पूर्व तथा अक्षांश 27 डिग्री 49 मिनट 16 सेकंड उत्तर। पर्वतमाला के आसपास के विभिन्न स्थलों के औसत मापन द्वारा 1954 ईस्वी में एवरेस्ट ऊंचाई 8848 मीटर आंकी गई थी।  नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी ने जीपीएस उपग्रह के उपयोग द्वारा 5 मई 1999 ईस्वी को एवरेस्ट की ऊंचाई 8850 मीटर होने की पुष्टि की।  माउंट एवरेस्ट को तिब्बत में कोमोलग्मा जिसका अर्थ बर्फ की देवी तथा नेपाल में सागरमाथा जिसका अर्थ ब्रह्मांड की माता कहते हैं। इससे पृथ्वी का तीसरा ध्रुव भी कहा जाता है।  एडमंड हिलेरी ...

भारत के वीर स्वतंत्रता सेनानी (India's heroic freedom fighter heros)

वो जिस्म भी क्या हैं  जिसमे ना हो खून-ए-जूनून, क्या लड़े तूफानो से, जो कस्ती-ए-साहिल मे हैं. सरफ़रोसी की तमन्ना अब हमारे दिल मे है.  देखना है जोर कितना वाजू- ए-क़तील मे  है। ।  ऐसे ही देश भक्ति से ओत-प्रोत नारे/वचन सुनकर आज भी देश के प्रति जज्बा और इतना जोश भर जाता हैं।। और शरीर मे नई ऊर्जा और रक्त का  संचार तेजी से हो उठता  हैं। रोंगटे खड़े हो उठते इन पंक्तियो को आज भी सुनकर।।  हम सभी जानते है की भारत देश को 15Aug 1947 को अंग्रेजो की गुलामी से स्वतंत्रता प्राप्त हुई। पर इस गुलामी और अंग्रेजी हुकूमत को तोड़ने और आजाद भारत की दिशा इतनी आसान नही थी। इस आजादी को प्राप्त करने के लिए ना जाने कितने लोगो ने अपने प्राण न्यौछावर किये, इस गुलामी की जंजीर तोड़ने के लिए कितने क्रांतिकरियो ने अपने प्राण की आहुति दी। इन सभी स्वतंत्रता सैनानीयो के शौर्य,जज्बे और बलिदान से भारत देश को आजादी प्राप्त हुई।  इनमे से कई नामो को तो बहुत से लोग शायद जानते भी ना हो जिनका भारत की स्वतंत्रता में बहुत बड़ा योगदान रहा है  और उनकी  शूरवीरता  के दम पर आजादी प...

जलस्थल (HYdrosphere)

 आइए दोस्तों आज हम जानते हैं कि जलमंडल क्या होता है। जल मंडल के अंतर्गत महासागरीय जल, समुद्र, खाड़ी, Bay आदि आते हैं और इनको जल मण्डल के अंतर्गत किस रूप में परिभाषित किया गया है तो आइए समझते हैं। सबसे पहले जलमंडल किसे कहते हैं। जलमंडल को सही तरीके से समझने के बाद ही हम उसके बाकी पहलू जैसे समुद्र, खाड़ी, Bay और भी जलमंडल  गर्त के बारे में समझना आसान हो जाएगा।  जलमंडल(HYdrosphere) :- का विस्तार संपूर्ण पृथ्वी का 3 बटा 4 भाग है जो लगभग 71 परसेंट है। पृथ्वी पर उपस्थित जल की कुल मात्रा का जल महासागरों में है जो खारा है जल राशि का मात्र 2.5% भाग ही स्वच्छ जल या मीठा जल है।  महासागरीय जल के दो महत्वपूर्ण गुण हैं- तापमान एवं लवणता।  जलमंडल का वह बड़ा भाग जिसकी कोई निश्चित सीमा ना हो महासागर (ocean)  कहलाता है। सबसे बड़ा महासागर प्रशांत महासागर है।  समुद्र :- जलमंडल का बड़ा भाग जो तीन तरफ से घिरा हुआ है और एक तरफ महासागर से मिला हुआ हैं समुद्र कहलाता है । खाड़ी(Gulf) : -समुद्र का स्थलीय भाग में प्रवेश कर जाने पर जो जल का क्षेत्र बनता है उसे खाडी कहते हैं।...

पृथ्वी (Earth) कुछ विशेष जानकारी

सूर्य के चारो और चक्कर लगाने वाले  विभिन्न ग्रहो उल्काओ, धूमकेतुओ और अन्य आकाशिय पिंडों के समुह को सौरमंडल कहते हैं।  यूं तो हमारे सौरमंडल में पाए जाने वाले ग्रह मे पृथ्वी  जो आकार के आधार पर  पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है। सौर मंडल मैं मौजूद पिंडों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है।  परंपरागत ग्रह, बोने ग्रह, लघु सौरमंडल आदि। परंपरागत ग्रह में बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण और वरुण ग्रह शामिल है। इसमे बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल को  पार्थिव या आंतरिक ग्रह भी कहा जाता है क्योंकि यह पृथ्वी के सदृश्य होते हैं।  पृथ्वी सौरमंडल का एकमात्र ग्रह है जिस पर जीवन संभव है इसका विषुवतीय व्यास  12714 किलोमीटर और ध्रुवीय व्यास 12714 किलोमीटर है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 23 सही 1/2 अंश झुकी हुई है। यह अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व 1610 किलोमीटर प्रति घंटा की चाल से 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकंड में एक पूरा चक्कर लगाती है। पृथ्वी की इस गति को दैनिक गति या घूर्णन गति भी कहते हैं और इसी के चलते यह दिन और रात होते हैं। पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा को पूरा करने...